प्रीति नारायणन जब सिर्फ 7 साल की थीं तब से ही उन्हें कुत्तों से घिरा रहना पसंद था और वो उनके लिए कुछ करना चाहती थीं। विंडवर्ड केनल्स, बेंगलुरु की फाउंडर प्रीति कहती हैं- “मेरी मां मुझे बताती हैं कि जब भी मुझे जख्मी और लावारिस पपीज दिखते थे, मैं उन्हें घर लेकर आती थी।” जब वह अपना स्कूल खत्म करने वाली थी, तो एक गोल्डन रिट्राइवर घर लेकर आईं। उन्हें याद है कि उनकी मां ने उनसे कहा था कि पपी की जिम्मेदारी उनकी होगी। और शायद ये शुरुआत थी पपीज के लिए कुछ करने की। वह उनकी देखभाल करने लगीं और आखिरकार उनकी ब्रीडिंग भी करने लगीं। वह अपने पपीज के लिए घर ढूढ़ने में भी कामयाब हो गईं। ये वास्तव में उनके जैसे फर्स्ट टाइमर के लिए एक उत्साह बढ़ाने वाली बात थी। प्रीति का ऐडवर्टाइजिंग और डिजिटल स्पेस का बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने इस फील्ड में करीब 8 साल तक कॉरपोरेट में काम भी किया है। उसी दौरान उन्हें अपने मेंटर गीता सुरेंद्रन से मुलाकात में एक गोल्डन रिट्राइवर ब्रीडर मिला, जिसके बाद उन्हें महसूस हुआ कि वाकई इस क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है।
तभी उन्होंने स्टार्टअप का फैसला लिया। प्रीति के पास उस समय पहले से ही 5 पेट्स थे। वह कहती हैं- “मुझे महसूस हुआ कि मैं जिस कॉरपोरेट करियर में हूं उसमें मेरा इंट्रेस्ट नहीं है। मैं अपना काम तो बखूबी करती थी मगर अपने काम को बिल्कुल भी इंजॉय नहीं कर रही थी।”
वायर हेयर्ड डैसहंड से उनका लगाव
उनके मेंटर गीता सुरेंद्रन ने सेल्ली नाम के एक वॉयर हेयर्ड डैशहंड ब्रीड को उनकी शादी में गिफ्ट दिया था। सेल्ली की वजह से ही प्रीति को इस नस्ल से प्यार हो गया। प्रीति कहती हैं- “वह बहुत ही फ्रेंडली कुत्ते हैं, साथ में वह उतने ही क्यूट भी हैं। फ्रेंडली और क्यूट का ये मैच क्लिक कर गया और मैंने विंडवर्ड केनल्स को शुरू कर दिया।” हालांकि शुरुआत में उन्हें जरूर लगा कि एक बेहतरीन सेलरी वाले कॉरपोरेट जॉब को छोड़ना उनके लिए अच्छा नहीं रहेगा मगर उनके आस-पास के लोगों को मेरे फैसले से तनिक भी अचरज नहीं हुआ। केनल को शुरू करने के लिए मुझे अपने अपार्टमेंट से येलहंका के एक खुले घर में जाना पड़ा। अभी 14 पेट्स की स्वामी प्रीति खुशी से कहती हैं- “कभी-कभी ऐसा भी होता था कि मैं दिन भर किसी इंसान के चेहरे को नहीं देख पाती थी क्योंकि हम शोर-गुल भरे सिटी लाइफ से बहुत दूर थे। लेकिन मैं तो यही कहूंगी कि वह काफी अच्छा रहा।”
छोटे और फरी वाले प्राणियों की देखभाल करने वाले से एक ब्रीडर बनने तक प्रीति ने धीरे-धीरे इसे सीखा और आज वह एक दशक का लंबा सफर तय कर चुकी हैं। वह कहती हैं,- “हम अक्सर देखते हैं कि लोग सिर्फ इसलिए पेट्स को घर लाना चाहते हैं क्योंकि ये पेट्स उन्हें पसंद होते हैं। अगर किसी ऐसे शख्स को पेट्स दिये जाने हों जो ये तक नहीं जानता कि उनका बेसिक केयर कैसे किया जाता है, तो मैं वैसे लोगों को पप्स देने की कभी इजाजत नहीं दूंगी।”
नियम के तौर पर प्रीति सभी फैमिली मेंबर्स से मिलती हैं और उनसे इंटरैक्ट करती हैं ताकि उन्हें बेहतर ढंग से समझा जा सके और एक पप की बेहतर देखभाल की अपनी क्षमता को बढ़ा सकें।
सेसना से प्रीति का जुड़ाव
एक बार उन्हें सेसना लाइफलाइन वेटनरी केयर क्लीनिक जाना पड़ा। वहां उनकी एक वेटनरी डॉक्टर से मुलाकात हुई। ये मुलाकात भी उनकी जिंदगी का एक दूसरा टर्निंग प्वॉइंट था। उस डॉक्टर ने उनसे कुछ बेसिक मेडिकल ट्रीटमेंट को सीखने को कहा ताकि मेडिकल इमरजेंसी के वक्त ये काम कर सके।
इसके बाद क्या हुआ वो तो एक इतिहास है। प्रीति ने वेट केयर सीखा और हॉस्पिटल के एक्सपर्ट्स से वेट का बेसिक इलाज करना सीखा। हालांकि, ये इतना आसान नहीं था। प्रीति कहती हैं- “दिन के आखिर में आप एक बीमार जानवर का इलाज कर रहे होते हैं। आपको ये जानना चाहिए कि उन्हें कैसे हैंडल किया जाए और शांत किया जाए। हर मौत एक ट्रेजडी है जो आपको बुरी तरह झकझोरता है।” आज प्रीति सेसना में वेटनरी सर्जिकल असिस्टेंट के तौर पर काम करती हैं। तीन साल हो चुके हैं और वो अपने काम का दिल खोलकर लुत्फ उठा रही हैं। एक वेट सर्जिकल असिस्टेंट के तौर पर प्रीति ऑपरेशन थियेटर का इंचार्ज हैं और मुख्य तौर पर प्री और पोस्ट-ऑपरेटिव प्रोसेजर्स की देख-रेख करती हैं। प्रीति आगे चलकर कुत्तों के लिए नर्सिंग फैसिलिटी शुरू करना चाहती हैं, जहां कुत्तों की गंभीर बीमारी या सर्जरी के बाद देखभाल हो सके।
फैमिली से सपोर्ट
प्रीति कहती हैं कि वह बेहद लकी हैं कि उन्हें हर कदम पर अपने परिवार का सपोर्ट मिला। वह कहती हैं- “ये मेरी च्वॉइस है और पप्स पूरी तरह से मेरी जिम्मेदारी हैं लेकिन परिवार की तरफ से मिले शानदार सपोर्ट से मुझे काफी आसानी हुई।” यहां तक कि 12 और 8 साल के बच्चे भी पप्स को खिलाने की जिम्मेदारी निभाते हैं। प्रीति एक संतुष्ट मां हैं और उन्हें खुशी है कि उनके बच्चे पप्स के साथ खेलते हुए बढ़ रहे हैं जिसे उन्होंने खुद भी बचपन में काफी एंजॉय किया था।
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March 14, 2017
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