महाराष्ट्र के काशीनाथ गोविंद पाटिल ने पेश किया एक जीवंत उदाहरण...
महाराष्ट्र के काशीनाथ गोविंद पाटिल की इस पहल के चलते आने वाले समय में उत्तर महाराष्ट्र से भी कई बच्चे IAS की लिस्ट में अपनी जगह बनायेंगे।
वैसे तो करियर के तमाम ऑप्शन होते हैं, लेकिन IAS या IPS जैसी सिविल सर्विस की बात ही कुछ और होती है। देश की सेवा, व्यवस्था में परिवर्तन, मान सम्मान, कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारी ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनकी वजह से लाखों युवा हर साल सिविल सर्विस का एग्जाम देते हैं। हर साल IAS बनने की कुछ ऐसी कहानियां सुनने-पढ़ने को मिलती हैं, जिसमें गरीब होनहार आभाव और आर्थिक तंगी से जूझते हुए सफलता की इबारत लिखते हैं, लेकिन आईएएस बनने का सपना जितना बड़ा और आकर्षक है उतना ही मुश्किल भी। सही से तैयारी करने के लिए कोचिंग से लेकर किताबें और किसी बड़े शहर में रहकर पढ़ाई करने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं। ऐसे में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को आईएएस की तैयारी करने में तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उस खास वर्ग के उन बच्चों की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए ही महाराष्ट्र के एक किसान ने अपनी 32 करोड़ की कीमत वाली प्रॉपर्टी दान कर दी। श्री साईं बााब संस्थान ट्रस्ट IAS की तैयारी कराने के लिए एक अकेडमी बनाना चाहता है, ऐसे में वसई के रहने वाले काशीनाथ पाटिल ने इसके लिए अपनी दो बिल्डिंग्स (जिनकी कीमत 32 करोड़ रुपये हैं) दान में दे दी हैं। शिरडी के पास एक कस्बे में स्थित ये अकेडमी बच्चों को आईएएस बनाने के लिए तैयार करेगी।
इस प्रोजेक्ट की देख रेख करने वाले और ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश हावड़े अपनी योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहते हैं, कि 'ये अकेडमी गरीब बच्चों को फ्री में ट्रेनिंग और गाइडेंस उपलब्ध करायेगी। बच्चों को पढ़ाने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए रिटायर IAS अधिकारी आएंगे।' साथ ही उन्होंने ये भी कहा, कि 'मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में उत्तर महाराष्ट्र से भी कई बच्चे आईएएस की लिस्ट में अपनी जगह बनाएंगे।'
भारत में IAS के एग्जाम को सबसे कठिन एग्ज़ाम माना जाता है। सिविल सर्विस की परीक्षा तीन चरणों में होती है, प्री, मेंस और इंटरव्यू। इसकी कठिनाई का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं, कि सिर्फ प्री एग्ज़ाम में 95 प्रतिशत से अधिक छात्र असफल करार दिये जाते हैं और जो बचते हैं, वे ही आगे के एग्ज़ाम्स में बैठ पाते हैं।
Related Stories
July 10, 2017
July 10, 2017
Stories by yourstory हिन्दी